Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Dimensions |
182mmX121mmX2mm |
Edition |
2014 |
Language |
Hindi |
PageLength |
48 |
Preface |
हमारे देश की साधारण जनता अशिक्षित तथा गरीब हें । शहरोंसे बहुत दूरी पर फैले हुए ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के लिए चिकित्साका प्रश्न बड़ा ही टेड़ा प्रश्न है । स्वास्थ्य विज्ञान में उनकी निजकी जानकारी प्राय: नहीं के बराबर होती है । वहाँ जो चिकित्सक पाए जाते हैं, उनका चिकित्सा क्रम भी बड़ा दोषपूर्ग हाता है, ऐसी दशा में ऐसे अनेक रोगी जो साधारण चिकित्सा से ही अच्छे होसकते हैं-साधन न मिलने के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर देते हैं ।ऐसे लोगों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए ही यह पुस्तक लिखी गई है, इसमें गिने-चुने प्रसिद्ध रोगों पर कुछ सरलतासे उपलब्ध हो सकने वाली सीधी-सादी औषधियाँ लिखी हैं, जोकम मूल्य की, बनाने में सुगम और हानि रहित हैं । विष, रस, भस्म तथा ऐसी चीजें, जिनके सेवन में कुछ असावधानी हो जाए तोखतरा उत्पन्न हो जाए इस पुस्तक में नहीं लिखी गई हैं । इस पुस्तककी सहायता से साधारण पड़े-लिखे लोगों को और अल्पशिक्षित स्त्रियों को तो अपने निकटस्थ लोगों की बीमारियाँ दूर करने में बहुतहद तक सफलता प्राप्त हो सकती है ।रोगों के लक्षण, पथ्य, मात्रा, सेवन-विधि आदि बहुत सी बातेंइस छोटी पुस्तिका में नहीं लिखी जा सकी हैं । इसके लिए अपनी स्वाभाविक बुद्धि से काम लेना चाहिए या किसी निकटवर्ती जानकार वैद्य से सलाह लेनी चाहिए । नुसखों में कोई एकाध चीज प्राप्त न हो,तो उसे छोड़ा भी जा सकता है । हमारा विश्वास है कि जिन देहाती क्षेत्रों में प्राकृतिक चिकित्साका ज्ञान और साधन पहुँचने अभी कठिन हैं, उन क्षेत्रों में यह पुस्तक लाभप्रद सिद्ध होगी । |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
1. घरेलू चिकित्सा
2. मलेरिया
3. विषम ज्वर
4. संतत ज्वर हर वक्त थोड़ा-बहुत बना रहने वाला बुखार
5. जाड़े का बुखार तिजारी व चौथैया
6. पुराने बुखारों पर
7. लू लगने का बुखार
8. तिल्ली बढ़ने पर
9. चेचक
10. खाँसी
11. सर्दी-जुकाम
12. श्वांस
13. हिचकी
14. गला बैठ जाना और गले का दरद
15. प्रमेह
16. स्वप्नदोष
17. शीघ्र पतन
18. बहुमूत्र
19. प्रदर
20. वात-व्याधि जोड़ों का या किसी विशेष अंग का जकड़ जाना या दरद होना
21. विषों का उपचार सर्प के काटने पर
22. बिच्छू के काटने पर
23. मकड़ी के विष पर
24. बर्र-ततैया, भौंरा या मधुमक्खी के काटे पर
25. चूहा, छूछूँदर या छिपकली के काटने पर
26. सियार और कुत्ते के काटने पर
27. जहर खा लेने पर
28. नशा उतारने के लिए
29. भाँग के नशे पर
30. अफीम के नशे पर
31. शराब के नशे पर
32. गाँजे के नशे पर
33. धतूरे के नशे पर
34. मुँह के छाले या मसूड़ों के दरद के लिए
35. दाँतों को मजबूत करने के लिए
36. आँखें दुखना
37. कान का दर्द और बहना
38. रक्त विकार खून खराबी से उठने वाली फुंसियाँ चकत्ते आदि के लिए-
38. सिर का दरद-
39. दाद और छाजन -
40. गरमी या बरसात के दिनों में चेहरे पर
41. जो फुंसियाँ उठ आती हैं, उनके लिए-
42. खाज-
43. घाव भरने के लिए नीचे लिखी दवाएँ अच्छी हैं-
44. चाकू आदि से कट जाने पर खून निकल रहा हो तो-
45. जब फोड़ा पक जाए तो उसे दबाकर पीव निकाल दें, भीतर भरे हुए मवाद को बाहर निकालने के लिए
46. उपाय करें-
47. घाव को नित्य धोना और साफ करना चाहिए, धोने के लिए नीचे लिखी रीति से पानी तैयार करना अच्छा है-
48. फोड़े की चिकित्सा यदि फोड़ा उठा ही हो तो उसे बैठाने के लिए ये लेप अच्छे हैं-
49. यदि फोड़ा बढ़ गया हो, मुँह छटने लगा हो तो पकाने के लिए यह लेप अच्छे हैं-
50. सुखी उबकाई -बमन-
51. हैजा( कै-दस्त)
52. कै-उल्टी( पानी, पित्त या अन्न की) -
53. अनिद्रा -
54. मंदाग्नि -अपच -
55. पेट में कीड़े पड़ जाना- |