Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
BImage |
shrad_set_1.jpg |
Descriptoin |
SET OF 10 BOOKS, |
Dimensions |
180mmX120mmX5mm |
Edition |
2010 |
Language |
Hindi |
PageLength |
112 |
Preface |
जो कुछ हम देखते, जानते या अनुभव करते हैं-क्या वह सत्य है ? इस प्रश्न का मोटा उत्तर हॉ में दिया जा सकता है, क्योंकि जो कुछ सामने है, उसके असत्य होने का कोई कारण नहीं । चूँकि हमें अपने पर, अपनी इंद्रियों और अनुभूतियों परविश्वास होता है इसलिए वस्तु, व्यक्ति या परिस्थिति के बारे में जो समझते हैं, उसे भी सत्य ही मानते हैं । इतने पर भी जब हम गहराई में उतरते है तो प्रतीत होता है कि इंद्रियों के आधार पर जो निष्कर्ष निकाले जाते है; वे बहुत अधूरे, अपूर्ण और लगभग असत्यही होते हैं । शास्त्रों और मनीषियों ने इसलिए प्रत्यक्ष इंद्रियों द्वारा अनुभव किये हुए को ही सत्य न मानने तथा तत्त्वदृष्टि विकसित करने के लिए कहा है । यदि सीधे-सीधे जो देखा जाता व अनुभव किया जाता है, उसे ही सत्य मान लिया जाए तो कई बार बड़ी दुःस्थितिबन जाती है । इस संबंध में मृगमरीचिका का उदाहरण बहुत पुराना है । रेगिस्तानी इलाके या ऊसर क्षेत्र में जमीन का नमक उभर कर ऊपर आ जाता है । रात की चाँदनी में वह पानी से भरे तालाब जैसा लगता है । प्यासा मृग अपनी तृषा बुझाने के लिये वहाँ पहुँचता है और अपनी आँखों के भ्रम में पछताता हुआ निराश वापस लौटता है । इंद्रधनुष दीखता तो है, पर उसे पकड़ने के लिये लाख प्रयत्न करने पर भी कुछ हाथ लगने वाला नहीं है । जल बिंदुओं पर सूर्य की किरणों की चमक ही ऑखों पर एक विशेष प्रकार का प्रभाव डालती है और हमें इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है, जिसका भौतिक अस्तित्व कहीं नहीं होता । |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
१. प्रत्यक्ष लगने पर भी सत्य कहाँ
२. समस्त दुःखों का कारण अज्ञान
३. सुख का केंद्र और स्रोत आत्मा
४ ईश्वर की सच्चिदानंदमय सत्ता
५ ईश्वर ज्वाला है और आत्मा चिनगारी
६. समर्थ सत्ता को खोजें
७. तत्त्वदर्शन से आनंद और मोक्ष |
TOC |
1 मरणोत्तर शांति प्रयोग
2 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
3 भव-बन्धनो से मुक्त हों
4 पितर हमारे अदृश्य सहायक
5 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
6 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
7 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
8 मरने के बाद हमारा क्या होता है
9 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
10 मरणोत्तर श्राद्ध कर्म - विधान |
TOC |
1 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
2 मैं क्या हूँ ?
3 मरणोत्तर जीवन तथ्य सत्य -16
4 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
5 मरने के बाद हमारा क्या होता है
6 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
7 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
8 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
9 पितर हमारे अदृश्य सहायक
10 भव-बन्धनो से मुक्त हों |