Preface
समाज का निर्माण व्यक्तियों से होता है और व्यक्तियों को उच्चस्तर का बनाने का उत्तरदायित्व परिवार पर रहता है ।। जो व्यक्ति जीवन के आरंभ में ही किसी कारणवश परिवार से बिछुड़ जाता है, वह प्राय: अविकसित रहकर जीवन की दौड़ में पिछड़ जाता है ।। विद्वानों ने परिवार को व्यक्तियों के ढालने वाली प्रयोगशाला बतलाया है ।। वास्तव में प्रयोगशाला की सामग्री और यंत्र जितने उपयुक्त और सही तरीके से काम करने वाले होंगे उतनी ही उसकी उपज निर्दोष और अपने उद्देश्य को पूरा करने वाली सिद्ध होगी ।। इसलिए यदि समाज को समुन्नत और शक्तिशाली बनाना हो तो परिवारों को सुधारना और उन्हें सुसंगठित रूप देना भी आवश्यक है ।। तभी वे ऐसे व्यक्तियों को उत्पन्न कर सकेंगे जो समाजोत्थान के लिए सब प्रकार से हितकारी सिद्ध हों ।।
Table of content
1. परिवार निर्माण-कुछ ध्यान देने योग्य तथ्य
2. महिलाओं को यह करना ही चाहिए
3. परिवार निर्माण और नवयुग सृजन
4. परिवार निर्माण और महिला जागरण
5. संगठित प्रयासों के लिए तत्परता बरती जाए
6. संपर्क और परामर्श का क्रम भी चले
7. परिवार में भी परामर्श का क्रम
Author |
Pt. Shriram Sharma Acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
56 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |