Preface
नारी का पिछड़ापन आधी जनसंख्या के प्रगति- पथ में भयंकर अवरोध उत्पन्न करने वाली समस्या है ।। संसार की आबादी का आधा भाग नारी- वर्ग का है ।। उस पर छाया हुआ पिछड़ापन संसार के विकास क्रम में कितनी बाधा उत्पन्न करता है, उसे थोड़ी सी विचार बुद्धि का उपयोग करके सहज ही जाना जा सकता है ।। पिछड़ा मनुष्य अपनी मौलिक क्षमता को विकसित नहीं कर पाता ।। दुर्बलता के कारण उसके लिए उन संपदाओं और विभूतियों को उपलब्ध कर सकना संभव नहीं होता जो इस संसार में हर मनुष्य के लिए प्रचुर परिमाण में विद्यमान हैं ।। भारतीय नारी का पिछड़ापन एक तरह का है ।। संसार के अन्यान्य भागों में दूसरी तरह का ।। नारी की सुकुमारता का लिप्सा के लिए उपयोग किया गया ।। प्रजनन विशेषता के कारण शारीरिक बलिष्ठता और उपार्जन क्षमता में न्यूनता आनी स्वाभाविक है ।।
Table of content
1.नारी प्रगति की अनिवार्य आवश्यकता
Author |
Pt. Shriram Sharma Aacharya |
Publication |
Yug Nirman Yojna Trust, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yojna Trust |
Page Length |
32 |
Dimensions |
9 X 12 cm |