Preface
यों तो इस जमाने में घर- घर बीमारियों की धूम है परंतु बीमारों में अधिक संख्या बालकों की ही देखी जाती है ।। बड़ी आयु का मनुष्य तो रोगों के धक्कों को किसी हद तक बरदाश्त कर लेता और उनसे सामर्थ्य भर लड़कर अपने स्वास्थ्य की रक्षा भी करता है, पर छोटे बालक अपनी कमजोरी के कारण इतना सब नहीं कर पाते, जिससे वे आसानी से रोगग्रस्त हो जाते हैं ।। फिर उनमें शक्ति भी नहीं होती कि रोग के आक्रमण से संघर्ष करके बीमारी को दूर भगा सकें ।। इसलिए बालक अकसर बीमार पड़ते हैं और अनेक बार उन्हें जीवन से हाथ धोना पड़ता है ।।
जहाँ वैद्य, डॉक्टरों की आसानी से पहुँच नहीं हो पाती, उन लोगों की सुविधा के लिए इस पुस्तक में कुछ ऐसे नुसखे संग्रहीत किए हैं जो बीमार बालकों को निरोग बनाने में सहायता दे सकें ।। रोग को और बालक की शक्ति देखकर यदि इस पुस्तक के आधार पर चिकित्सा की जावे, तो हमारा विश्वास है कि स्वल्प साधन संपन्न व्यक्ति भी अपने बालकों को बीमारी के चंगुल से छुड़ा सकते हैं ।।
जो लोग चिकित्सा व्यवसाय करते हैं, उनके लिए भी इस पुस्तक में अच्छी जानकारी है ।। वे इन नुसखों के आधार पर अपनी सेवा- प्रणाली को अधिक सूक्ष्म बना सकेंगे ।। हमारी धारणा है कि यह पुस्तक बालकों के लिए एक अच्छे अभिभावक की भांति उपयोगी सिद्ध होगी ।।
Table of content
1. बालकों के रोगी होने के कुछ कारण
2. बालकों को स्वस्थ रखने के कुछ नियम
3. बालकों के रोग
4. साधारण रोगों की कुछ सरल औषधि
5. औषधियां
6. चिकित्सा
7. बालकों की स्वास्थ्य रक्षा के कुछ नियम
Author |
Pt. Shriram Sharma Acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistar Trust |
Page Length |
40 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |