Preface
मानवी चेतना की रहस्यमय परतें यदि समझी जा सकें और समुन्नत की जा सकें तो निश्चय ही उसे अत्यंत उत्कृष्ट कोटि की जीवन की सफलता कहा जाएगा । भौतिक विज्ञान स्थूल जगत् में बिखरी हुई शक्ति को देखकर चकित है और उसमें से बहुत कुछ करतलगत करने के लिए लालायित है ।
समीपवर्ती विचित्रताओं में सबसे बड़ा है, मस्तिष्क की टोकरी में रखा हुआ सूक्ष्म शक्तियों और दिव्य क्षमताओं का भंडागार, पर कठिनाई यह है कि जिस प्रकार अपने ही रक्त में चल रही हलचलों को जान पाना दुरूह है, उसी प्रकार मस्तिष्क को समझना कठिन है ।
मानसिक चेतना पर नियंत्रण प्राप्त कर सृष्टि का सबसे बड़ा स्रोत हाथ लग सकता है ।
Table of content
1. जो चाहें, सो सहज ही पाएँ
2. विस्मय विमुग्धकारी मस्तिष्क संस्थान
3. अलौकिक कलाकार की अद्भुत संरचना
4. रुग्ण रहें या सुखी, मनमर्जी की बात है
5. क्या हम सभी मनोव्याधि ग्रस्त है ?
6. संतुलन साधें-सुखी निश्चित रहें ।
7. पुलकित प्रफुल्लित जीवन जिएँ
Author |
Pt. shriram sharma |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |