Preface
उन्नीसवीं शताब्दी के विज्ञान में पदार्थ और पदार्थ जगत् के ऊँचे से ऊँचे सिद्धांत माने जाते थे। अब हम उनसे दूर होते चले जायेंगे । अब जो नये तथ्य प्रकाश में आ रहे है उनसे हम विवश है कि प्रारंभ में शीघ्रता में आकर हमने जो धारणा बना ली थी, उसे अब फिर से जाँचें । अब मालूम होता है कि जिसे हम शाश्वत सत्य मानकर बैठे थे वह भ्रम है । पदार्थ मन या आत्मा से पैदा हुआ है और उसी का ही रूप है । दृश्य जगत् का संचालन रासायनिक नहीं, यह सूत्र किसी महान् अदृश्य चेतन सत्ता के हाथ है, यह तथ्य देर तक झुठलाया नहीं जा सकता है ।
Table of content
1. आस्तिक दर्शन-तथ्यपूर्ण आधार
2. परम श्रद्धेय ईश्वरीय सत्ता
3. विराट ब्रह्मांड एक सूत्र में आबद्ध
4. दृश्य के अदृश्य संचालन सूत्र
5. जीवन पृथ्वी तक ही सीमित नहीं है
6. ईश्वर-एक सत्य, एक जीवन दर्शन
Author |
Pt. shriram sharma |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
104 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |