Preface
मानवरत्न- लाल बहादुर शास्त्री
सन् ११२१, असहयोग आंदोलन का बिगुल बज उठा ।। भावनाशील लोग समय की पुकार सुनकर लाखों की संख्या में रणक्षेत्र में जा कूदे ।। विद्यार्थियों ने विद्यालय छोड़ दिए कर्मचारियों ने काम करना छोड़ दिया, न्यायालय बंद पड़ गए किसानों ने लगान देना बंद कर दिया, रेल, तार, डाक सेवा का उपयोग बंद हो गया ।। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया ।।
सोलह वर्ष के एक किशोर की आत्मा भी युग की पुकार सुनकर अधीर हो उठी ।। वह जानता था कि विद्यालय छोड़ने से उसका ही नहीं उसकी विधवा माँ का भविष्य भी अंधकार में हो जाएगा ।। पिता जिसे मंझधार में छोड़ गए थे, अब बेटा भी आंदोलन करने लगा, यह जानकर वह कितनी दुखी होगी ।। रिश्तेदार तो पहले ही उसकी देशभक्ति को खतरनाक कहते रहे हैं ।। ये विवशताएँ उनके मार्ग में बाधा बनकर खड़ी थीं ।। फिर भी जीत अंतःकरण की आवाज की हुई, वह अध्यापक के सम्मुख जा खड़ा हुआ ।। 'गुरूजी अब आज्ञा दीजिए ।' अध्यापक इस किशोर की भावनाओं को समझते थे और घर की स्थिति भी जानते थे ।। उन्होंने समझाया 'बेटा हाईस्कूल परीक्षा में कुछ ही महीने रहे हैं ।। परिश्रम करके तुम अच्छे डिवीजन से पास हो जाओगे तो माँ को सहारा हो जाएगा ।' किशोर ने गुरु जी की बात सुनी पर वह रुक न सका ।। अपने तथा अपनी बेसहारा माँ के हितों को देश हितों पर बलिदान करके असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाला यही किशोर एक दिन भारत का प्रधानमंत्री बना ।। अन्य राष्ट्रों के नेताओं ने आश्चर्य से सुना कि भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पास अपना घर का मकान भी नहीं, जिन्होंने प्रधानमंत्री बनकर किश्तों पर कार खरीदी ।। महामंत्री चाणक्य जैसा ही यह एक अनुपम उदाहरण था ।।
Table of content
1. मानव रत्न- लाल बहादुर शास्त्री
2. सामान्य व्यक्ति से लाखों कारों के निर्माता-हैनरी फोर्ड
3. नैत्रहीन बेरिस्टर रुस्तमजी मे० अलपाई वाला-एक सच्चे सेवाव्रती
4. गरीबी से उठकर राजनैतिक अध्यवसाय और पुरुषार्थ की प्रतिमा-एफ० बुन्चे
5. नीचे से ऊपर बढने वाले-श्री एच० जी० वेल्स
6. मजदूर से डॉक्टर बने- शरण प्रसाद जी
7. बुद्धि-संसार का सर्वोपरि बल
8. सद्गुणो के बल पर सफलता पाने वाले-साइमन
9. बुल्डरो विल्सन गुथरो-वेदनाओं ने जिसे अमर संगीतकार बना दिया
10. सब्जी बेचने से हिंदी-साहित्य-सम्मेलन के सभापतित्व तक
11. कनाडा का जनक- मेकडोनाल्ड
12. शरीर से अपंग पर मन से समर्थ- हेलेने केलर
Author |
Pt. Shriram Sharma Aacharya |
Edition |
2014 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
64 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |