Preface
युगशक्ति के सूक्ष्म प्रवाह का प्रभाव ही कहें कि साधन हीन दीखने वाले युग निर्माण अभियान के अनेक कार्यक्रम जन स्तरपर गति पकड़ते जा रहे हैं । आदर्श विवाह आदोलन भी ऐसे ही कार्यक्रमों में से एक है । आदर्श विवाह आंदोलन के अनेक पक्ष हैं, जैसे दहेज ठहराव, चढ़ावा, बड़े भोज, बरात, अपव्यय, विकृत नेग-जोग आदि को यथाशक्ति निरस्त करना । इसके साथ एक पक्ष यह भी है कि विवाहको मात्र समारोह न रहने देकर उसे एक पवित्र संस्कार का रूप दिया जाए । इसके लिए धर्मतंत्र से लोकशिक्षण एवं भाव भरे संस्कारविधान को उभारा तथा प्रचलित किया गया है । यह क्रम सामूहिक यज्ञों में किए जाने वाले आदर्श विवाहों से लेकर परिवारों के परंपरागत वातावरण में किए जाने वाले विवाहों तक में आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है । इस विधा को समझने तथा करने-कराने का उत्साह सर्वसाधारण के स्तर पर उभर उठा है । इस शुभ उत्साह को क्रियारूप देने में सभी को सुविधा मिलसके, इस दृष्टि से कर्मकांड की बड़ी पुस्तक में से संपादित करके यह पुस्तिका तैयार कर दी गई है । अपेक्षाकृत कम योग्य व्यक्ति भी इसके माध्यम से आदर्श विवाह संस्कार संपन्न कराने का अभ्यास कर सकेंगे । प्रारंभ से अंत तक सामान्य एवं विशेष प्रकरण को क्रमबद्ध ढंग से जमा दिया गया है । आशा की जाती है कि परिजनोंके सत्प्रयासों में इससे पर्याप्त मदद मिलेगी ।
Table of content
१ विवाह संस्कार
२ अथ विवाह पद्धति:
३ विवाह दिवसोत्सव
Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Edition |
2010 |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Page Length |
72 |
Dimensions |
120mmX79mmX4mm |