Preface
आज देश एवं समाज की परिस्थितियों बहुत बदल गईं हैं ।। आप पर पढ़ाई का बहुत दबाब है ।। आपके माता- पिता और शिक्षक आपसे बहुत बड़ी- बड़ी अपेक्षाएँ रखते हैं ।। यह प्रतियोगिता का युग है ।। जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्रतियोगिता में सफल होना आवश्यक है ।। अत: आप सबसे यह अपेक्षा रहती है कि आप इतने मेधावी, प्रतिभाशाली और योग्य बनें कि प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करें ।। इसी दबाब के कारण आज आप बहुत मानसिक तनाव में रहते हैं और आपके मन में निराशा के विचार आने लगते हैं ।। कमजोर मनोबल के बच्चे आत्महत्या करने को उतारू हो जाते हैं ।। माता- पिता जहाँ अच्छी पढ़ाई और शिक्षा में ऊँची उपलब्धियों की प्राप्ति हेतु बच्चों को प्रोत्साहित करें, वहीं उन्हें धैर्य और साहस भी प्रदान करें ।। सफलता न मिलने पर उन्हें निराशा से बचाएँ उनसे कहें कि इस प्रतियोगिता में इसलिए नहीं सफल हुए कि ईश्वर किसी और अच्छी ऊँची परीक्षा में उन्हें सफल बनाना चाहता है ।। बच्चों को अध्ययन में परिश्रम के साथ प्यार और धैर्य दिलाना भी आवश्यक है ।।
Table of content
1. प्रतिभा मेधा संवर्द्धन की वैज्ञानिक विधि
2. सामान विचारों में आकर्षण शक्ति
3. ऊँचे संकल्प बड़ी उपलब्धियां
4. उन्नति में सहयोगी सकारात्मक चिंतन
5. विचार शक्ति के चमत्कारिक परिणाम
6. लक्ष्य की प्राप्ति के चरण
7. आनंदित जीवन पद्धति के चमत्कार
8. परीक्षा में अधिक अंक लाने के तरीके
9. पढाई में आने वाले व्यवधान
10. अध्ययन में एकाग्रता आवश्यक
11. व्यायाम और स्वास्थ्य
12. प्रतिभा संवर्द्धन के प्रयोग
13. गणेश योग से अपनी बुद्धि बढा़एँ
14. अध्ययन में इन बातों का भी ध्यान रखें
15. अपना मूल्यांकन भी करते रहें
Author |
Pt. shriram sharma acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
48 |
Dimensions |
120X181X2 mm |