Preface
गायत्री तीर्थ शान्तिकु्ज्ञ्ज में भारतीय संस्कृति के अनुरूप हर प्रकार के संस्कार कराने की व्यवस्था लम्बे समय से चली आ रही है। तीर्थ श्राद्ध परम्परा प्रारम्भ करने के बाद एक नया अनुभव हुआ। ऐसा लगा कि लोगों के मन में रुकी-घुटी श्रद्धा की अभिव्यक्ति को नया मार्ग मिल गया है, जिनके तप, पुरुषार्थ और अनुदान पर हमारा वर्तमान जीवन टिका है, उन पितरों के प्रति श्राद्ध व्यक्ति करने की उमंग हर नर-नारि में उमड़ती दिखती है।
Author |
brahmavarchas |
Edition |
2013 |
Publication |
yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
40 |
Dimensions |
120x181x2 mm |