Preface
एक बीज जब अंदर से ऊपर उठ कर आने को मचलता है, तो कोई भी प्रतिकूलता उसके मार्ग में आकर उसे रोक नहीं सकती। ऐसे ही अंकुरों की कथाएं उन महामानवों के जीवन से उभरकर आती हैं। महावीर प्रसाद द्वेवेदी, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, शरतचंद्र, राहुल सांस्कृत्यायन, टैगोर, लेनिन एवं आइंस्टीन का जीवन आज भी सबके लिए प्रेरणादायी है। यह चिंतन उस महासागर से छांट-छांट कर निकाला है, जिस पर मंथन हमारी गुरुसत्ता ने निरंतर किया। युवापीढ़ी पढ़े एवं अपने स्वाध्याय को सशक्त बनाए।
Table of content
1. क्रांतिकारी साहित्यकार- संत खलील जिब्रान
2. कर्मयोगी इतिहासकार- गौरीशंकर ओझा
3. समाज सेवा के आदर्श - फणीश्वर नाथ रेणु
4. राष्ट्र भाषा की नींव के पत्थर - बालकृष्ण भट्ट
5. अपने ईमान की रक्षा हर कीमत- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
6. मजदूरों के उद्धारक - कार्ल मार्क्स
7. परिष्कृत संस्कृत के प्रणेता - महिर्षि पाणिनि
8. राष्ट्रभाषा के अमर शिल्पी - महावीर प्रसाद द्वेदी
9. विश्व कवि - रविंद्र नाथ टैगोर
10. अनूठे कर्मयोगी महापंडित - राहुल सांस्कृत्यायन
11. सफल चित्रकार, असफल मनुष्य बिसेन्ट वान-गाँग
12. सामान्य कैदी से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति तक - आंद्रे मालारो
13. नोबुल पुरुस्कार के प्रवर्तक- अल्फ्रेड नोबुल
14. मानवतावादी वैज्ञानिक, उदारमना एवं तपस्वी - अल्बर्ट आइंस्टीन
15. यत्र नार्यस्तु पूज्यते के मंत्रदृष्टा -शरतचंद्र
16. हिंदी की सर्वतोमुखी विकास में समर्पित - बाबू श्याम सुन्दर दास
17. समाज सुधार के प्रथम संस्थापक - व्लादिमीर लेनिन
Author |
Pt. Shriram Sharma Acharya |
Edition |
2017 |
Publication |
Yug Nirman Yojana Press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistar Trust |
Page Length |
96 |
Dimensions |
14 cm x 14 cm |