Preface
ज्योतिष शास्त्र के तीन अंग हैं। 1 सिद्धांत 2 सहिंता 3 होरा। सिद्धांत भाग में उपपति सहित गणित प्रक्रिया का वर्णन है। सहिंता के अंतर्गत गणितीय सिद्धांत के आधार पर समष्टिगत विषयों का समावेश होता है। इसके अंतर्गत तिथि, वार, नक्षत्र आदि के मान ग्रहों के चराचर, नक्षत्र चार ग्रहों के वक्री मार्गी एवं उदयास्त होने के समय सूर्य चंद्र ग्रहणों के समय एवं उनके प्रभाव, वस्तुओं के महंगे-सस्ते होने भूकंप, बाढ़, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, दुर्भिक्ष, राष्ट्र विप्लव आदि विषय प्रतिपाद्य हैं। होरा में व्यक्तिगत फल जन्मपत्र एवं वर्षफल निर्माण संस्कारों एवं अनेक प्रकार के कार्यारम्भ के कल का विवेचन करते हुए पर्व महापर्व व्रत उत्सव आदि का निर्माण किया जाता है।
Table of content
1. नाड़ीवलय यन्त्र
2. बृहत्सम्राट पलभा यन्त्र
3. याम्योत्तरीय चापयंत्र भीतीय यन्त्र
4. शंकु यन्त्र
5. धीयंत्र भारतीय तारामंडल
6. सायन भोगांश
7. चक्र यन्त्र क्रांतिवृत्त यन्त्र तुरीय यन्त्र
8. षष्ठांशयन्त्र एवम कर्क, मकर राशि वलय यन्त्र
9. साम्पातिक काल निकालने की विधि
10. साम्पातिक काल सारिणी
11. प्रमुख नक्षत्रों के विषुवांश क्रान्ति शरमान
12. क्रान्ति सारिणी
13. वेलान्तर सारिणी
14. ज्या त्रिज्या उत्क्रमज्या का मान
15. हरिद्वार का स्पष्टान्तर
16. प्रमुख नगरों के देशान्तर एवं मध्यमान्तर
Author |
Pt shriram sharma acharya |
Edition |
2014 |
Publication |
yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
80 |
Dimensions |
13.5 cm x 21.5 |