Preface
परम पूज्य गुरुदेव ने जन जागरण में कथा शैली, काव्य एवं युग संगीत के अचूक प्रभाव को स्वीकारते हुए वर्तमान में उस विद्या के विकृत स्वरूप को संस्कृति- थाती एवं व्यक्ति, परिवार, समाज को पतनोत्मुख बनाने का दूषित प्रयास मानते हुए इस विद्या के परिष्कृत स्वरूप भजनोपदेशक युग संगीत को प्रस्तुत कर जनमानस एवं विशेषतः नयी पीढ़ी को नयी दिशा प्रदान करने वाले गीत- संगीत का अभूतपूर्व प्रयास किया है।
गायत्री परिवार के गीत- कविता द्वारा जन आन्दोलन के लिए कुछ योजनाएँ संगीत प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रयोग प्रचार एवं प्रसार हेतु प्रस्तुत है।
Table of content
• सच्चिदानंद ऊँ
• सृजन की प्रार्थना
• माँ का निश्छल प्यार
• भजो रे मन गोविंदा
• प्रभु के सब नाम सुंदर
• एक ही इच्छा
• जय अबे, जय जगदंबे
• शुभ मति दो
• हे परमेश्वर दो सद्ज्ञान
• श्रेष्ठता की कामना
• हे गुणधाम, हे सुखधाम
• माँ स्वीकार करो
• नमो आदि प्रज्ञा
• विश्वमाता को नमन
• राह दिखाओ
• हम सबसे प्रेम करें
• जय आद्यशक्ति, शंकर
• विघ्ननाशक भगवान
• गायत्री जप ले
• विश्व-विपदा हरो
• आ जाना
• नर से नारायण बनें
• हे नाथ! दो सहारा
• ज्योति जगाओ
• एक तुम्हीं आधार
• सर्वमंगल की प्रार्थना
• हे आदिशक्ति
• अवतरण
• सद्विवेक की स्रोत माँ
• अभयदा, तारिणी
• जाहि विधि राखे राम
• माँ की शक्ति
• दया कीजिए
• शंभु, हे अविनाशी
• माँ की महिमा अपरंपार
• वंदन को स्वर दो
• उदार हृदय दो
• इतना प्यार दो
• प्राणमयी माँ
• माँ की शरण
• प्रीतिरूप माँ
• बेसहारों का सहारा
• प्रांजल प्रज्ञा को प्रणाम
• गायत्री का ध्यान
Author |
Pt .Shriram Sharma Acharya |
Edition |
2011 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
48 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |