Preface
परम पूज्य गुरुदेव ने युग निर्माण अभियान के अन्तर्गत जनजागरण के लिए जन गायन को काफी महत्त्व दिया । एकमासीय "सृजन शिल्पी" प्रशिक्षण के माध्यम से प्रेरणाप्रद गीतों को ढपली के साथ प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया जाने लगा । थोड़े ही समय में यह पद्धति बहुत लोकप्रिय और उपयोगी सिद्ध हुई । देश-विदेश में धर्मतंत्र से लोक शिक्षण की ही तरह युग संगीत द्वारा जन जागरण की विधा ने भी उल्लेखनीय प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली । शान्तिकुञ्ज में चलने वाले एक मासीय पाठ्यक्रम के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भी युग संगीत के प्रशिक्षण की छोटी-बड़ी कक्षाएँ चलाई जाने लगीं । इन प्रशिक्षणों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सुनिश्चित पाठ्यक्रम और उसकी सहायक पुस्तिका तैयार करने की जरूरत महसूस की जाने लगी । यह पुस्तिका उसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए तैयार की गई है ।
इस पुस्तिका में प्रारंभ में ढपली बजाने के साथ ही मजीरा, खंजरी, करताल एवं चिमटा बजाने के सूत्र दे दिए गए हैं । ताल का ज्ञान हो जाने पर गीतों को प्रभावी ढंग से गाने में सुविधा होती है । गीतों में ऐसे गीतों को चुना गया है, जिनकी धुनें, बोल और भाव सहज ही लोकप्रिय सिद्ध हुए हैं । गीतों को वर्गीकृत करके छापा गया है तथा उनके साथ ढपली पर बजाए जाने योग्य ताल भी अंकित कर दिए गए हैं ।
Table of content
1. मानव जीवन की गरिमा
2. गुरु वन्दना
3. मातृवन्दना
4. कीर्तन
5. देश भक्ति
6. संस्कार परम्परा
7. प्रेरणा परक
8. यज्ञ एवं दीपयज्ञ
9. नारी जागरण
Author |
Pt Shriram sharma acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
48 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |