Preface
देश से विदेश जाकर जिन विद्वानों ने भारतीय धर्म, सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार ही नहीं किया, बल्कि स्थापना की, उनमें कुमार जीव का नाम सबसे आगे है ।
भारत के संबंध चीन से बहुत प्राचीन काल से चले आ रहे थे । यों तो श्रीलंका, बर्मा, जापान, सिंगापुर, हिंदेशिया आदि अनेक देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार किया गया । किंतु चीन एक ऐसा देश रहा है, जिसमें केवल अनुयायी के रूप में ही बौद्ध धर्म ग्रहण नहीं किया गया, बल्कि उन दिनों वह एक प्रकार से बौद्ध धर्म का प्रामाणिक केंद्र बन गया था ।
इस प्रकार चीन में बौद्ध धर्म के जागरण पूर्ण आंदोलन का प्रमुख श्रेय भारतीय विद्वानों को ही है और उनमें भी कुमार जीव का स्थान सर्वोपरि है ।
Table of content
१ महान धर्मप्रचारक- कुमार जीव
२ पाखंड विडंबना के प्रबल शत्रु संत कबीर
३ वेदांत को अपने जीवन के माध्यम से सिखाने वाले - स्वामी रामतीर्थ
४ अध्यात्म धर्म के सच्चे प्रतिनिधि संत तुकाराम
५ अमर शहीद - स्वामी श्रद्दानंद
६ ठाकुर दयानंद - जिन्होंने भारतीय जनता को नया स्वर दिया
७ भारतीयता के संरक्षक महात्मा हंसराज
८ मरुस्थल मे खिला एक सुंदर फूल साधु वास्वानी
९ सन्यास जीवन के सार्थक प्रयोक्ता- स्वामी केशवानंद
१० क्रांतिकारी संत - गुरु नानक
११ संन्यास से गृहस्थ संन्यास की ओर्
Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
Edition |
2013 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
72 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |