Preface
परम पूज्य गुरुदेव ने गायत्री साधना उपासना पर गायत्री की दैनिक साधना से लेकर गायत्री महाविज्ञान तक अनेक ग्रंथ लिखे हैं । आध्यात्मिक जिज्ञासु एवं साधक उनसे प्रेरणा-प्रकाश पाते हैं एवं उपासनाक्रम अपनाते हैं । पूज्य गुरुदेव के लिखे हुए गायत्री साहित्य से कुछ विशिष्ट अंश लेकर दैनिक उपासना प्रार्थना क्रम को सुव्यवस्थित, सरल एवं विशिष्ट रूप देने का प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास किया गया है । मूल विचार एवं निर्धारण परम पूज्य गुरुदेव का है । उन्हीं की प्रेरणा से उनके ही प्रतिपादित आध्यात्मिक सूत्र-संकेतों को संकलित करने सँजोने का प्रयास भर नए ढंग से किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत उपासनाक्रम को वर्णित किया गया है । जहाँ यह पुस्तक व्यक्ति के लिए उपासना विधि और मंत्रों को स्पष्ट करती है, वहीं प्रार्थना के क्रम, गीत आदि की भी विवेचना प्रस्तुत करती है ।
पुस्तक में गायत्री परिवार के प्रमुख पाँचों केंद्रों एवं परम पूज्य गुरुदेव व वंदनीया माताजी का परिचय दिया गया है । गायत्री चालीसा, आरती, स्तवन, सत्संकल्प एवं दैनिक संध्या विधि आदि को समन्वित किया गया है ।
यह पुस्तक नए-पुराने परिजनों के लिए व्यक्तिगत एवं सामूहिक उपासना उपक्रमों को सुचारु रूप से संपन्न करने के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसा विश्वास है ।
Table of content
1. प्रार्थना का महत्व
2. गायत्री उपासना का महत्व
3. हमारा युग निर्माण सत्संकल्प
4. गायत्री स्तवन
5. श्री गायत्री चालीसा
6. आरती गायत्री माता की
7. विधाता तू हमारा है
8. युगऋषि परम पूज्य पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य
9. वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा
10. परम पूज्य गुरुदेव की अभिनव पाँच स्थापनाएँ
Author |
Pt shriram sharma acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
32 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |