Preface
यह युग परिवर्तन का अति महत्वपूर्ण समय है ।। युग परिवर्तन का अर्थ है- ईश्वरीय योजना के अन्तर्गत मनुष्य मात्र के लिये उज्वल भविष्य का निर्माण ।। ऐसा युग जिसे सनातन धर्म में ' सतयुग ' की संज्ञा दी जाती रही है ।। इस सम्बन्ध में सैकड़ों साल पहले महात्मा, सूरदास, फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नेस्ट्राडेमस, महात्मा वहाउल्ला, स्वामी विवेकानन्द, महर्षि अरविन्द आदि ने महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं ।। उक्त महापुरुषों के कथन को सार्थक करते हुए युगऋषि, वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने इसकी समग्र और व्यवस्थित कार्य योजना घोषित करके इस हेतु एक विश्वव्यापी अभियान ' युग निर्माण ' के नाम से प्रारंभ कर दिया ।। इसमें उन्होंने विश्व समाज के सभी पक्षों की भागीदारी आवश्यक बतलाई
Table of content
1. यह अभियान व्यापक बनेगा ।
2. युग निर्माण और धर्मतंत्र ।
3. लेखक के बारे में ।
4. मुसलमान और मोक्ष का अधिकार
5. अग्रदूत बनने का अवसर और चेतावनी
6. युग परिर्वतन का समय
7. मुसलमान स्वयं युग निर्माणी बनें
8. बराय तामीरे जमाना हमारा अजमे मुसम्मम
Edition |
2014 |
Publication |
Shree Ved Mata Gayatri Trust(TMD) |
Page Length |
40 |
Dimensions |
81mmX110mmX2mm |